योगी आदित्यनाथ जी सन्यासी के अलावा कौन हैं?? 🌹🌹🌹
यदि कोई योगी आदित्यनाथ जी को केवल एक सन्यासी ही मानता है तो थोड़ा यह भी जान लें कि
●अजय मोहन बिष्ट (ओरिजिनल नाम) जिन्हें सन्यास के बाद
योगी आदित्यनाथ नाम मिला।
आयु-50 वर्ष
जन्म स्थान- पंचूर गाँव,गढ़वाल, उत्तराखंड
●उन्होंने एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से उत्तर प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक अंक (100%) प्राप्त किये थे ।
●योगी जी गणित के छात्र हैं, जिन्होंने बीएससी गणित स्वर्ण पदक के साथ उत्तीर्ण किया है।
●भारतीय सेना की सबसे पुरानी गोरखा रेजीमेंट के आध्यात्मिक गुरु रहे हैं।
* नेपाल में योगी समर्थक का विशाल समूह है जो योगी को गुरु के रूप में पूजते हैं।
●मार्शल आर्ट में अद्भुत उत्कृष्टता।
चार लोगों को एकसाथ हराने का रिकार्ड।
●उत्तर प्रदेश के जाने-माने तैराक।
कई विशाल नदियां पार की।
●एक लेखा विशेषज्ञ जो कंप्यूटर को भी हरा देता है।
प्रसिध्द गणितज्ञ शकुंतला देवी ने भी योगीजी की तारीफ की।
●रात में केवल चार घंटे की नींद। रोजाना सुबह 3:30 बजे उठ जाते हैं।
●योग, ध्यान गोशाला, आरती, पूजा प्रतिदिन की दिनचर्या है।
●दिन में दो बार ही खाते हैं..
पूर्णतः शाकाहारी।
भोजन में शामिल रहता है कन्द, मूल, फल और देशी गाय का दूध।
●वह अब तक किसी भी कारण से कभी अस्पताल में भर्ती नहीं हुए..
●योगी आदित्यनाथ एशिया के सर्वश्रेष्ठ वन्यजीव प्रशिक्षकों में से एक हैं जिन्हें वन्यजीवों से बहुत प्रेम है।।
●योगी का परिवार अभी भी उसी स्थिति में रहता है जैसा उनके सांसद या मुख्यमंत्री बनने के पहले रहता था।
●योगी सालों पहले सन्यास लेने के बाद सिर्फ एक बार घर गए हैं।
●योगी का सिर्फ एक बैंक अकाउंट है और कोई जमीन संपत्ति उनके नाम नहीं है और न ही उनका कोई खर्च है।
●अपने भोजन कपडे का खर्च वो स्वयं के वेतन से करते हैं और
शेष पैसा राहत कोष में जमा कर देते हैं।
*ये है योगी आदित्यनाथ की प्रोफाइल..*
* योगी जी के सोने वाले कमरे मे कोई AC या रूम कूलर नही है केवल एक सीलिंग फैन है
* योगी जी एक लकडी के तख्त पर एक कम्बल उसके उपर चादर बिछाकर सोते हैं।
* No Dunlop cussing & pillow .
भारत में एक सच्चे लीडर की प्रोफाइल ऐसी ही होनी चाहिए।
ऐसे संत ही भारत को फिर से विश्व गुरु बना सकते हैं।
यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो आगे भेजने से पहले मन ही मन उन्हें प्रणाम करें और वे ऐसे बने रहें, यह प्रभु से प्रार्थना करें ।
* श्रीराम* *जय गुरू गोरखनाथ*
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