जीवन की पाठशाला 📝-2

📒जीवन की पाठशाला 📝
समय चक्र ने मुझे सिखाया की संकट के समय /दुःख की घडी में /परेशानी में /समय चक्र के विपरीत होने पर जो सीख मिलती है वो सीख दुनिया की किसी पाठशाला या विश्वविधालय में नहीं मिल सकती .........,

समय चक्र के रंगों ने मुझे सिखाया की अपने सतगुरु /इष्ट पर इतना भरोसा रखना चाहिए की आप उनके हर फैसले के आगे गूंगे -अंधे और बहरे हो जाओ ,क्यूंकि मुझे समझ आ गया की होगा वही जो वो चाहते हैं ,इसलिए अपनी चिंता  स्वयं नहीं उन्हें करने दीजिये -हम वो सोचेंगे और करेंगे जो आज के लिए अच्छा है और वो सोचेंगे जो हमारे कल के लिए बेहतर होगा आज के साथ .....,

समय चक्र ने मुझे सिखाया की इज्जत क्या होती है ये उस शख्स से पूछा चाहिए की जिसे समय ने -अपनों ने -अपनों के भेस में कुछ परायों ने राजा से रंक बना दिया हो क्यूंकि ये शख्स बता सकता है कल तक जो इज्जत थी वो तेरी नहीं तेरे पैसे -रुतबे -ओहदे -घर -गाडी की थी और आज जो इज्जत मिल रही है वो आइना है .........,

आखिर में एक ही चीज समझ आई की समय के विपरीत होने पर कल तक गली -मोहल्ले -शहर में दहाड़ने वाला शेर भी दूर कहीं पिंजरे में क़ैद होकर रह जाता है -नजर नहीं आता और फिर वो हालातों की मार से -अपने परायों की जिल्लत से -कड़वे बोलों से या तो एकदम खामोश हो जाता है या इस कदर बदल जाता है की ....??
     बाकी कल ......
सुरक्षित रहिये -सावधान रहिये -दो गज की दूरी रखिये -मास्क पहनिए  और खुश रहिये !

🙏 🌹

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